Wednesday 22 June 2011

TO THAAM LO PYAAR KO....

ख़ुशी एक परिंदे की तरह उड़ती है
और प्रेम एक पत्ती की तरह
        वृद्ध के समान धीमी है
         दुःख की पदचाप !!


यदि पंखो में ताकत है,
तो पकड़ लो ख़ुशी को,
यदि पाँव तुम्हारे भाग सकते हो
तो थाम लो प्यार को............

2 comments:

  1. तो पकड़ लो ख़ुशी को,
    यदि पाँव तुम्हारे भाग सकते हो
    तो थाम लो प्यार

    भावों से भरी इन पंक्तियों को लिखना और महसूस करना तुम्हारे संवेदनशील व्यक्तित्व का परिचायक है...बस यूँ ही लिखते रहो!!!

    ReplyDelete
  2. बहुत ही सुंदर कविता..काफी कोमल और दर्शन में डूबी हुई कल्पना है..गज़लों में अभी लय पर थोड़ी और मेहनत की जरुरत है. ढेर सारी शुभकामनाएँ नियमित लेखन के लिए.

    ReplyDelete