Monday 20 June 2011

SHABNAM MOTI HAI

रोटी के बदले, बेचता है आबरू गरीब,
कितना है सस्ता सौदा, यह व्यापार कीजिये,

दीवाना आदमी को बनती है रोटिया,
खुद नाचती है, सबको नचाती है रोटिया,

भरा हो पेट तो संसार जगमगाता है,
लगी हो भूख तो ईमान डगमगाता है,

जब जेब में पैसे होते है,
और पेट में रोटी होती है,
उस वक़्त यह जर्रा हीरा है,
उस वक़्त यह शबनम मोती है............!!!!!!!!


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