तो पकड़ लो ख़ुशी को,यदि पाँव तुम्हारे भाग सकते होतो थाम लो प्यार भावों से भरी इन पंक्तियों को लिखना और महसूस करना तुम्हारे संवेदनशील व्यक्तित्व का परिचायक है...बस यूँ ही लिखते रहो!!!
बहुत ही सुंदर कविता..काफी कोमल और दर्शन में डूबी हुई कल्पना है..गज़लों में अभी लय पर थोड़ी और मेहनत की जरुरत है. ढेर सारी शुभकामनाएँ नियमित लेखन के लिए.
तो पकड़ लो ख़ुशी को,
ReplyDeleteयदि पाँव तुम्हारे भाग सकते हो
तो थाम लो प्यार
भावों से भरी इन पंक्तियों को लिखना और महसूस करना तुम्हारे संवेदनशील व्यक्तित्व का परिचायक है...बस यूँ ही लिखते रहो!!!
बहुत ही सुंदर कविता..काफी कोमल और दर्शन में डूबी हुई कल्पना है..गज़लों में अभी लय पर थोड़ी और मेहनत की जरुरत है. ढेर सारी शुभकामनाएँ नियमित लेखन के लिए.
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