दूर क्षितिज पर सूरज चमका, सुबह खड़ी आने को
धुंध हटेगी, धूप खिलेगी, वक़्त नया छाने को,
साहिल पर यूं सहमे-२ वक़्त गंवाना क्या यारो
लहरों से टकराना होगा पार समंदर जाने को,
टेडी भौंहों से तो कोई बात नहीं बनने वाली
मुट्ठी कब तक भीचेंगे हम, हाथ मिले याराने को,
वक़्त गुजरता सिखलाता है भूल पुरानी बातें सब
साज नया हो,गीत नया हो,छेड़ नए अफ़साने सब,
अपने हाथों की रेखाएं कर ले तूं अपने वश में
तेरी रूठी किस्मत "सचिन" आये कौन मनाने को..............